ब्रिटेन में काम करने के इच्छुक डॉक्टरों-नर्सों के लिए खुशखबरी
सेहतराग टीम
ब्रिटेन में काम करने के इच्छुक चिकित्सा पेशेवरों यानी डॉक्टरों, नर्सों, दंत चिकित्सकों और दाईयों को अब अंग्रेजी की अनिवार्य परीक्षा दो बार पास करने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल ऐसे चिकित्सा पेशेवर जो अंग्रेजी भाषा वाले माहौल में प्रैक्टिस करना चाहते हैं उन्हें एक खास किस्म की व्यावसायिक अंग्रेजी परीक्षा (ओईटी) पास करना अनिवार्य होता है। अब ब्रिटेन ने भी ओईटी को मान्यता दे दी है। इसके कारण ब्रिटेन का चिकित्सा पेशेवर वीजा चाहने वाले इन लोगों को अब ब्रिटेन सरकार द्वारा आयोजित अंग्रेजी परीक्षाओं जैसे कि टोफेल और आईईएलटीएस पास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उनका काम ओईटी से चल जाएगा।
ओईटी एक अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा की परीक्षा है जिसमें उन स्वास्थ्य पेशेवरों के भाषा संचार कौशल का आकलन किया जाता है, जो अंग्रेजी बोलने वाले वातावरण में पंजीकरण और अभ्यास करना चाहते हैं।
इससे पहले उम्मीदवारों को वीजा आवेदन के लिए ब्रिटेन के दो स्वास्थ्य सेवा बोर्ड नर्सिंग एवं मिडवाइफरी काउंसिल और जनरल मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण के साथ-साथ टोफेल या आईईएलटीएस जैसी परीक्षाओं के लिए ओईटी लेना होता था।
ओईटी आयोजित कराने वाले कैम्ब्रिज बॉक्सहिल लैंग्वेज असेसमेंट की सीईओ सुजाता स्टीड ने कहा, ‘ब्रिटेन के गृह विभाग ने यह सुनिश्चित करते हुए अंग्रेजी भाषा की परीक्षा को सुव्यवस्थित किया है कि वे डॉक्टर, दंत चिकित्सक, नर्स और दाई, जिन्होंने संबंधित पेशेवर निकाय द्वारा पहले ही स्वीकार की गई एक अंग्रेजी भाषा की परीक्षा पास कर ली है, उन्हें टियर-2 वीजा पर ब्रिटेन में प्रवेश से पहले एक और परीक्षा में न बैठना पड़े।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले सप्ताह घोषित किया गया यह परिवर्तन सुनिश्चित करेगा कि देश भर के अस्पताल और चिकित्सा पद्धतियां उन कर्मचारियों तक पहुंच बना सकेंगी जिनकी उन्हें जरूरत है।’ यह परिवर्तन एक अक्टूबर से जमा किए गए सभी टियर-2 (सामान्य) वीजा आवेदनों पर लागू होगा।
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